When counselling, when law?
April 04, 2025
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कब काउंसलिंग, कब कानून?
काउंसलिंग तब करें, जब...
- बातचीत की संभावना हो
- गलतफहमियाँ हों, धोखा नहीं
- रिश्ता बचाया जा सकता हो, टूटा नहीं
- दोनों को सुनने की इच्छा और हिम्मत हो
- भावनात्मक जुड़ाव अभी भी महसूस हो
- बच्चों, परिवार और आत्मिक शांति की चिंता हो
काउंसलिंग रिश्ते को दूसरा मौका देती है – बिना फैसला सुनाए, बिना पक्ष लिए।
कानून का सहारा लें, जब...
- हिंसा, धमकी, या शोषण हो
- शांति और सुरक्षा से जीना मुश्किल हो
- रिश्ते में सम्मान पूरी तरह खत्म हो चुका हो
- बार-बार की कोशिशें नाकाम हो चुकी हों
- मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य खतरे में हो
- सामने वाला बदलाव को तैयार न हो
कानून रक्षा करता है, लेकिन उससे पहले समझदारी की कोशिश जरूरी है।
एक संदेश:
"समस्या की शुरुआत में काउंसलिंग ले,
समाधान की आखिरी सीमा पर कानून लें।"