जब शारीरिक संबंध रुक जाते हैं — एक भारतीय वैवाहिक परिप्रेक्ष्य से समझना
June 06, 20251 comments
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❝शादी केवल साथ रहने का अनुबंध नहीं है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा की साझेदारी है❞
भारत में चुप्पी और गलतफहमियाँ
भारत में सेक्स को लेकर चर्चा करना आज भी एक "वर्जित विषय" माना जाता है — विशेष रूप से शादीशुदा जोड़ों के बीच। बहुत से पति-पत्नी इस मुद्दे पर बात करने से बचते हैं, यहाँ तक कि जब यह उनकी वैवाहिक समस्याओं की जड़ बन जाता है। eDishaa में हम यह अनुभव करते हैं कि बहुत से जोड़े, जिन्हें भावनात्मक दूरी, चिड़चिड़ापन, या तनाव का सामना करना पड़ता है, अक्सर इसका कारण यौन जीवन में ठहराव को नहीं समझ पाते।
भावनात्मक और मानसिक असर
तनाव और चिड़चिड़ापन – जब शारीरिक निकटता कम हो जाती है, तो शरीर में निकलने वाले सकारात्मक हार्मोन (जैसे ऑक्सीटोसिन और डोपामिन) कम हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति अंदर से अकेलापन और बेचैनी महसूस करता है।
दूरी और शक – पति-पत्नी के बीच जब शारीरिक संबंध ठहरते हैं, तो भावनात्मक दूरी बढ़ जाती है, जिससे अविश्वास, झगड़े या संवाद की कमी हो सकती है।
कम होता आत्मविश्वास – विशेष रूप से महिलाओं और पुरुषों दोनों में, यह एहसास आ सकता है कि "शायद मैं आकर्षक नहीं रहा/रही" — जिससे आत्मसम्मान प्रभावित होता है।
शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी – नियमित यौन संबंध से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। जब ये रुकते हैं, तो रोगों से लड़ने की ताकत थोड़ी कम हो सकती है।
महिलाओं में योनि का सूखापन या दर्द – विशेष रूप से मेनोपॉज़ के बाद या लंबे समय तक शारीरिक संबंध न होने पर, असहजता बढ़ सकती है।
पुरुषों में स्तंभन समस्या (Erectile Dysfunction) – लंबे समय तक यौन निष्क्रियता से पुरुषों में यह अस्थायी समस्या बढ़ सकती है।
पेल्विक मांसपेशियों की कमजोरी – जो महिलाओं में हल्का मूत्र रिसाव (incontinence) या मर्दों में स्खलन नियंत्रण में गिरावट का कारण बन सकती है।
क्या इसका समाधान है? — हाँ!
eDishaa Marriage Counseling & Therapy में हम यह मानते हैं कि यौन जीवन सिर्फ "शारीरिक सुख" नहीं बल्कि एक भावनात्मक और ऊर्जा विनिमय है।
हम अपने सेशन्स में इस विषय को सम्मानजनक और वैज्ञानिक तरीके से समझाते हैं:
सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समझाना – हम भारतीय मूल्यों का सम्मान करते हुए इस विषय को सहजता से खोलते हैं।
पति-पत्नी संवाद को सुधारना – हम यह सिखाते हैं कि बिना शर्म के, कैसे एक-दूसरे से अपने स्पर्श, इच्छा और असहजता पर बात करें।
बिना सेक्स के भी अंतरंगता कैसे बनाएं – गले लगना, एक साथ ध्यान करना, या केवल साथ समय बिताना — ये सब "intimacy" को फिर से जगा सकते हैं।
फिजिकल थेरेपी और आर्ट थेरेपी के ज़रिए राहत – खासकर महिलाओं के लिए डांस, योग और रचनात्मक गतिविधियाँ पेल्विक टोनिंग में मदद करती हैं।
आपका रिश्ता ठहरा है या थका हुआ लगता है?
तो यह जरूरी नहीं कि "समस्या बहुत बड़ी" हो — हो सकता है कि आप दोनों ने सिर्फ शारीरिक और भावनात्मक जुड़ाव खो दिया है। इसे समय रहते पहचानना और थेरपी के ज़रिए समझदारी से संभालना ही असली समाधान है।
eDishaa में हम क्या करते हैं?
Couple Counseling (भारतीय सांस्कृतिक नजरिए से)
Intimacy Rebuilding Sessions
Personalized Wellness Exercises
Mind-Body Reconnection Techniques
Art, Storytelling और Guided Dialogue के ज़रिए Healing
निष्कर्ष:
भारत जैसे देश में, जहाँ कई जोड़े आज भी सेक्स पर बात करने में झिझकते हैं, वहाँ सही मार्गदर्शन और सम्मानजनक संवाद के ज़रिए रिश्तों को फिर से जीवित किया जा सकता है। eDishaa आपके रिश्ते की गरिमा बनाए रखते हुए, इसे भीतर से मजबूत करने के लिए आपके साथ है।