पुरुषों की मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर कम चर्चा होती है, लेकिन यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि किसी भी अन्य समूह की मानसिक सेहत। समाज में पुरुषों से अपेक्षा की जाती है कि वे मजबूत, आत्मनिर्भर और भावनात्मक रूप से नियंत्रित रहें, जिससे कई बार वे अपनी भावनाओं को दबा देते हैं। यही कारण है कि पुरुषों में डिप्रेशन, एंग्जायटी, स्ट्रेस और आत्महत्या की दर अधिक होती है, लेकिन वे काउंसलिंग या मदद लेने से हिचकिचाते हैं।
पुरुषों की मेंटल हेल्थ से जुड़ी चुनौतियाँ:
भावनाएँ व्यक्त करने में कठिनाई – पारंपरिक मर्दानगी की छवि पुरुषों को सिखाती है कि रोना या अपनी भावनाएँ साझा करना कमजोरी की निशानी है।
काम और ज़िम्मेदारियों का दबाव – परिवार की आर्थिक सुरक्षा, करियर की सफलता और समाज में पहचान बनाए रखने का दबाव मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है।
सोशल सपोर्ट की कमी – महिलाओं की तुलना में पुरुष अपने दोस्तों और परिवार के साथ गहरे भावनात्मक संबंध कम साझा करते हैं, जिससे वे अकेलापन महसूस कर सकते हैं।
अल्कोहल और नशे की प्रवृत्ति – मानसिक तनाव से निपटने के लिए कई पुरुष शराब, धूम्रपान या अन्य नशों का सहारा लेते हैं, जो उनकी समस्या को और बढ़ा सकता है।
थैरेपी या काउंसलिंग से दूरी – "मुझे किसी मदद की ज़रूरत नहीं" जैसी सोच के कारण पुरुष मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का कम उपयोग करते हैं।
समाधान और जागरूकता:
भावनाओं को दबाने की बजाय व्यक्त करना – पुरुषों को यह समझने की ज़रूरत है कि भावनाएँ व्यक्त करना कमजोरी नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की निशानी है।
मेंटल हेल्थ पर खुलकर बात करना – समाज में पुरुषों की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चर्चा को सामान्य बनाने की जरूरत है।
काउंसलिंग और थेरेपी को अपनाना – प्रोफेशनल हेल्प लेना कमजोरी नहीं, बल्कि खुद की देखभाल का एक अहम हिस्सा है।
अच्छी दिनचर्या और सेल्फ-केयर – व्यायाम, ध्यान, अच्छी नींद और संतुलित आहार मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करते हैं।
पुरुषों के लिए मेंटल हेल्थ सपोर्ट ग्रुप्स – दोस्ती, परिवार और काउंसलिंग समूहों के माध्यम से एक हेल्दी सपोर्ट सिस्टम बनाना ज़रूरी है।
काउंसलिंग जागरूकता और आपकी भूमिका:
चूंकि हम काउंसलिंग जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं, हम पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर वेबिनार, वर्कशॉप या आर्ट फ़ैसिलिटेशन के ज़रिए लोगों को शिक्षित कर रहे हैं। इसके अलावा, कपल्स थेरेपी में भी इस पहलू को शामिल किया कर रहे है, क्योंकि कई बार रिश्तों में अनकही बातें पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।