धोखा देना एक ऐसी क्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति दूसरे को गलत जानकारी देता है या उसे गुमराह करता है, जिससे उसे नुकसान होता है या उसके साथ अन्याय होता है।
धोखा देने के प्रकार:
१. वित्तीय धोखा: वित्तीय धोखा में कोई व्यक्ति दूसरे को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के लिए गलत जानकारी देता है।
२. भावनात्मक धोखा: भावनात्मक धोखा में कोई व्यक्ति दूसरे को भावनात्मक नुकसान पहुंचाने के लिए गलत जानकारी देता है।
३. व्यक्तिगत धोखा: व्यक्तिगत धोखा में कोई व्यक्ति दूसरे को व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाने के लिए गलत जानकारी देता है।
धोखा देने के कारण:
१. स्वार्थ: धोखा देने का एक मुख्य कारण स्वार्थ है, जहां कोई व्यक्ति अपने फायदे के लिए दूसरे को धोखा देता है।
२. अनुभवहीनता: धोखा देने का एक अन्य कारण अनुभवहीनता है, जहां कोई व्यक्ति अपनी अनुभवहीनता के कारण दूसरे को धोखा देता है।
३. मानसिक समस्याएं: धोखा देने का एक अन्य कारण मानसिक समस्याएं हैं, जहां कोई व्यक्ति अपनी मानसिक समस्याओं के कारण दूसरे को धोखा देता है।
धोखा देने के परिणाम ज्यादातर नकारात्मकत्मक ही देखे गए हैं। धोखा देने वाला या धोखा खाने वाला दोनों पर ही नकारात्मक प्रभाव पढ़ते हैं। हमारी संस्कृति में धोखा देना पाप की श्रेणी में आता है और विधि के शासन में अपराध।
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