अहंकार या आत्म मुग्धता या नार्सिसिज़म एक व्यक्तित्व विकार है, जिसमें व्यक्ति को अपने आप में अत्यधिक आत्मविश्वास और आत्म-प्रेम होता है। जो मानव जीवन मे बचपन से ही बनने लगता है और उम्र के एक पड़ाव में यह विकार व्यक्तिगत स्तर पर और शादी में समस्याएं पैदा करने वाला होता है। कभी कभी यह अंहकार परिवार या शादी तोड़ने में अहम भूमिका निभाता है।
अहंकार या आत्म मुग्धता या नार्सिसिज़म मुख्य लक्षण:
1. आत्म-महत्व की भावना
2. आत्म-प्रेम और आत्म-आदर
3. दूसरों की भावनाओं और जरूरतों की उपेक्षा
4. अपने आप को दूसरों से श्रेष्ठ मानना
5. आत्म-केंद्रित व्यवहार
6. दूसरों का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए करना
7. आत्म-सम्मान की कमी को छिपाने के लिए आत्म-महत्व का प्रदर्शन करना
अन्य लक्षण:
1. आत्म-विश्वास की अधिकता
2. दूसरों की प्रशंसा और सम्मान की अपेक्षा
3. आत्म-आलोचना की असहिष्णुता
4. दूसरों के साथ संबंधों में समस्याएँ
5. आत्म-केंद्रित और आत्म-महत्व की भावना से भरा हुआ व्यवहार
नार्सिसिज़म के प्रकार:
1. ग्रैंडियोज नार्सिसिज़म: आत्म-महत्व और आत्म-प्रेम की अधिकता।
2. वुल्नरेबल नार्सिसिज़म: आत्म-सम्मान की कमी और आत्म-आलोचना की अधिकता।
3. को-डिपेंडेंट नार्सिसिज़म: दूसरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्म-त्याग।
नार्सिसिज़म के कारण:
1. बचपन में आत्म-सम्मान की कमी
2. आत्म-महत्व की अधिकता को बढ़ावा देने वाला परिवेश
3. आनुवंशिक कारक
4. मस्तिष्क की संरचना और कार्य में असामान्यताएँ
नार्सिसिज़म का उपचार:
1. मनोवैज्ञानिक चिकित्सा
2. आत्म-सम्मान और आत्म-आलोचना को सुधारने के लिए कार्य
3. संबंधों में सुधार के लिए कार्य
4. आत्म-जागरूकता और आत्म-विकास के लिए कार्य
5. स्वयं के लिए जागरूकता
यह ध्यान रखें कि नार्सिसिज़म एक जटिल और गंभीर व्यक्तित्व विकार है, और इसके लिए पेशेवर मदद की आवश्यकता होती है।
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